आमंत्रण आमंत्रण
शायद तुम इस पथ पर आए पहली पहली बार बटोही। शायद तुम इस पथ पर आए पहली पहली बार बटोही।
लगता था बहुत आसान है सब, पर कुछ भी आसान नहींं। लगता था बहुत आसान है सब, पर कुछ भी आसान नहींं।
क्योंकि प्राइवेट नौकरी ही आजकल ईमानदार होती है। क्योंकि प्राइवेट नौकरी ही आजकल ईमानदार होती है।
खोल दियो सब राज विहंसि कर पत्नी बोली। खोल दियो सब राज विहंसि कर पत्नी बोली।
रात भर तेरी तारीफें करता रहा, चांद इतना जला की सुबह तक सूरज हो गया। ________________ रात भर तेरी तारीफें करता रहा, चांद इतना जला की सुबह तक सूरज हो गया। ______...